मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों को 09 करोड 08 लाख की राहत राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इससे सम्बधित शासनादेश सचिव मुख्यमंत्री श्री शैलेश बगोली द्वारा जारी किया गया है उन्होने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि 31.07.2024 को अतिवृष्टि के कारण लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल ट्रैक और मोटर मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से प्रभावित हुए विभिन्न व्यवसायियों के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी की अध्य क्षता में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न ऐशोएशिन/संगठनों के साथ हुई बैठक में सर्वसम्मति से आपदा प्रभावित व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति हेतु अनुमानित ₹908.00 लाख मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किये जाने का प्रस्ताव किया गया था।
उन्होने बताया कि प्रस्ताव के संदर्भ में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त मुंख्यमत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचौली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार 09 करोड 08 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत कर जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को उपलब्ध करायी जाय। जारी किये गये पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि का उपयोग दिनांक 31.07.2024 को अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल ट्रैक व मोटर मार्ग के प्रभावितों जिन्हें दिनांक 24.08.2024 की मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक में मुआवजा/राहत राशि वितरण किये जाने का निर्णय लिया गया है, के अनुसार ही किया जाय।
साथ ही स्वीकृत धनराशि का भुगतान प्रभावितों को करने से पूर्व प्रकरणों का संगत शासनादेशों में किये गये प्राविधानों के तहत परीक्षण तथा प्रभावितों का नियमानुसार सत्यापन करने के उपरान्त पूर्णतः संतुष्ट होने पर भुगतान यथासंभव ई-बैंकिग के माध्यम से सुनिश्चित किया जाय, जहां ई-बैंकिग की सुविधा न हो, वहां धनराशि डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वितरित की जाय। प्रभावितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि के वितरण के पश्चात् लाभार्थियों का विवरण यथा-नाम, पता, दूरभाष संख्या इत्यादि जनपद स्तर पर सुरक्षित रखे जाने के भी निर्देश वर्णित शासनादेश दिये गये है।