नैनीताल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुबीर कुमार ने डायरेक्टर किम फ्यूचर विजन सर्विसेज लिमिटेड नाम से रजिस्ट्रर्ड कम्पनी कपिल काम्पलेक्स हल्द्वानी उत्तर एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड डेवलपर्स लिमिटेड नेक्टर कामर्शियल स्टेट के डायरेक्टर रविन्द्र सिंह सिददू (सीएमडी) पुत्र अवतार सिंह निवासी म०रा० 125 पार्क जीटीरोड अमृसर व जगमोहन सिंह पुन माहिन्द्र सिंह निवासी 3453 रावक २० ३ आजाद नगर अमृतसर पंजाब का जमानत प्रार्थना पत्र चारा 420.406 4 3 पृ००आई०डी० एक्ट के अंन्तर्गत खारिज किया। अभियोजन के अनुसार 24:08:19 को थाना मुखानी में रिपोर्टकर्ता अनिल कुमार सिंह ने अभियुक्त रविन्द्र सिंह शिद्दू में सह अभियुक्त जगमोहन सिंह के विरुद्ध इस आशय से रिपार्ट दर्ज कराई कि रिपोर्टकर्ता को अभियुक्त रविन्द्र सिंह सिद्धू ने रिपोर्टकर्ता व अन्य 50 से 60 लोगों को एजेण्ड के तौर पर कार्य पर रखा था। झूठा प्रलोभन दिया था कि उक्त कपनी में आर०डी०एफ०डी० एम०आई०एस० के माध्यम से आप लोग जमा करवाओं और ग्राहकों को यह भी बताया था कि अन्य बैंक के बजाय कम अवधि में धनराशि को कुछ माह में दुगुना किया जाएगा। कम्पनी के सी०,एम०डी रविन्द्र सिंह सिद्ध ने यह भी प्रलोभन दिया कि आरडी पर 13 से 19 प्रतिशत का व्याज दिया जायेगा, रविन्द्र सिंह सिदद् एवं जगमोहन सिंह ने विभिन्न प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न जमा योजनाओं के माध्यम से आश्वासन देकर लोगों से निर्गत करवाने के लिये जमाकर्ताओं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। समय-समय पर रविन्द्र सिंह सिद्दू एवं जगमोहन सिंह मिटिंग के दौरान आकर जमाकर्तांओं और कार्यकर्ताओं को प्रलोभन देकर निवेश कराते थे। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए यह भी तर्क रखा कि वर्तमान अभियुक्त रविन्द्र सिंह सिद्धू द्वारा अपने सहयोगी जगमोहन के साथ मिलकर क्षेत्र के काश्तकारों के साथ छल कपट कर लगभग 2 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि शाखा गुखानी में जमा कराई गई। जब संबंधित खतों का भुगतान का समय आया तो जमाकर्ताओं को बिना बताए 2 करोड़ रूपये छल कपट कार भाग गये। रविन्द्र सिद्द द्वारा अपने सहयोगियों के साथ उपरोक्त सोसाइटी की विभिन्न शाखा भारतवर्ष में खोलकर भाग गये। उनके खिलाफ पंजाब राज्य में मुकदमा दर्ज होने के पश्चात अभियुक्त को उक्त मामले में बी-वारण्ट से तलब करने हेतु हिरासत में लिया गया, अभियुक्तगण एसे छल कपट करने के अपराधा का आदि है, उसके विरूद्ध भारतवर्ष में 1 दर्शन । अधिक आपराधिक मुकदमे उपरोक्त प्रकृति के पंजीकृत है। अभियुक्तगणो को उपरोक्त सोसाईटी के अन्तर्गत कोड बैंकिंग कार्य करने की स्वीकृति नहीं थी। जमाकर्ताओं द्वारा शाखा में जो पैसा जमा किया जाता था वह शाखा कर्मियों द्वारा अभियुक्त के तुरन्त स्थानांतरित किया जाता था। न्यायालय विशेष न्यायाधीश (यू०पी०ई०डी०एक्ट) / सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुधीर कुमार ने मामले की गस्भीरता को देखते हुये अभियुक्त रविन्द्र सिंह सिद्दू का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज किया।
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