देहरादून। उत्तराखंड में शुक्रवार को जंगलों की आग और भड़क गई। 24 घंटे के भीतर वनाग्नि की 64 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं, सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगल में लगी आग दो नेपाली परिवारों पर भारी पड़ी है। जंगल की आग की चपेट में आने से एक श्रमिक की बृहस्पतिवार को मौके पर ही मौत हो गई थी।
दूसरे श्रमिक ने बृहस्पतिवार देर रात बेस अस्पताल में तो महिला श्रमिक ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में दम तोड़ दिया है। एक और महिला श्रमिक का हल्द्वानी में इलाज चल रहा है। अब शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि रोकथाम को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
शुक्रवार को प्रदेश में सामने आई वनाग्नि की 64 घटनाओं में गढ़वाल में 30, कुमाऊं में 29 और वन्यजीव क्षेत्रों में पांच घटनाएं शामिल हैं। 24 घंटे के भीतर 74.67 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया।
अब तक प्रदेश में 868 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें गढ़वाल में 344, कुमाऊं में 456 और वन्यजीव क्षेत्रों में 68 घटनाएं शामिल हैं। इनमें कुल 1085.998 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ चुका है।
आग पर काबू पाने में विभागों का दम फूल रहा है। उधर, शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नई दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में वनाग्नि को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे।
सीएम की ओर से मुख्य सचिव, प्रमुख वन संरक्षक(हॉफ), पुलिस महानिदेशक के साथ ही वनाग्नि से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को पूर्व में भी वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को सभी संबंधित अधिकारियों के साथ इस संबंध में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा के साथ वनाग्नि से उत्पन्न स्थिति का भी जायजा लेंगे।